Thursday, 21 February 2013

मंगल कामना



हो कृष्ण-कृष्ण मय जड़ जंगम ,

सुरभित संयोग मधुर संगम ,

बन कर उषा के फूल सजो तुम माथे पर /
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बिंदिया ,झुमका ,कंगन, पायल
खुशियों में आज मचलते हैं /
बेला, जूही,चन्दन, गुलाब ,
खुशबु से तेरी महकते हैं //
बन कर आशा के दीप जलो इस छाजन पर //
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दमके घर आँगन द्वार सभी
ऐसा हो रूप श्रृंगार तेरा /
हो फली भूत सपने सबके
सबसे हो सद्व्यवहार तेरा //
बन कर नयनों की ज्योति दिखो तुम माथे पर //
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हो राज तुम्हारा इन्दर सा
सबसे उत्तम व्यवहार रहे /
रुनझुन ध्वनियाँ घर में गूंजे
खुशियों से भरा संसार रहे //
धर कर चन्दन का रूप सजो तुम माथे पर //
बन कर उषा के फूल सजो तुम माथे पर //
.
हो सुन्दर तुम सुन्दरतम हो
सुख शान्ति यही कामना है/
नेहा ,नलिनी के संग सुधा
स्वागत में कृष्ण ,भावना है //
आशीष हमारा संग तेरे सिंदूर सजे तेरे माथे पर //
बन कर उषा के फूल सजो तुम माथे पर



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